मैं हूँ इंसान या मैंने कह दिया है, खुद को इंसान |
मैं हूँ इंसान या मैंने मान लिया है खुद को इंसान।
मैं हूँ परेशान सच में, या मैंने
खुद को कह दिया है कि मैं हूँ परेशान।
मेरी सोच ने मुझको क्या दिया है,
इस भीड़ भरी दुनिया में तन्हा कर दिया है |
हर दिन जंग है, हर जगह खतरा है |
उसके दिल में भी इश्क़ का कारोबार है |
बहुत भीड़ है उसके दिल में, मुझे उस भीड़ से बचा लो |
नहीं रहना इंसान मुझे, मुझे परिंदा बना दो |
मर गया हूँ मैं जीते जी ही, मेरी लाश जिंदा है |
मेरे पास होते, तो मेरी लाश को चलते देखा होता |
काश मैं परिंदा होता, तो शायद मैं सच में जिंदा होता |
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