Skip to main content

सजनी का प्यार या तन्हाई की पुरानी दोस्ती

ज़िंदगी इतनी अकेले बीती है  |

अगर कोई ज़िंदगी में सच में आ जाए, और सब मिल जाए तो

फिर मैं किस बारे में सोचूंगा ,

क्या बचेगा मेरी ज़िंदगी में मैं जिस बात पे रोऊंगा |


फिर मैं देख तड़पता खुद को कैसे हंसूंगा  |

अगर तुम मिल गए इस दुनिया में सच में तो  |

अकेलेपन के दर्द के खो जाने का दर्द होगा!!


अब तो आदत हो गई है खुद पर तरस खाने की

किसी के साथ खुद को देख, क्या मैं यकीन कर पाऊंगा ||


हंस दूंगा खुशी में या पुराने दर्द के मिट जाने पर रो जाऊंगा  |

क्या मैं फिर अकेलेपन की तड़प को यूं ही महसूस कर पाऊंगा ||


सीख लिया है अकेला रहना कोटारो की तरह अब तो,

क्या मैं अब अकेलेपन को छोड़ सच में किसी के प्यार में पड़ पाऊंगा !?


--Viveakrt--



Comments

Popular posts from this blog

अब प्यार नहीं करूंगा

Vivek · अब प्यार नहीं करूंगा महफ़िल सजी है तेरे बारात की महफ़िल सजी है तेरे बारात की मैं तड़प की राख लाया हूं पिघला हूं मैं जिस आग से वो आग लाया हूं बुझती नहीं जो प्यास किसी पयामाने से वो प्यास लाया हू मैं तेरे बारात में आया हूं  पर अब मैं इस महफिल में तेरा जिक्र नहीं करूंगा मर जाऊंगा मैं पर कभी तुझे याद नहीं करूंगा अब तू सामने से भी आएगी तो नहीं पहचानूंगा तुझे  फर्क नहीं पड़ता तुझे तो मैं फरियाद नहीं करूंगा अब मुझे नहीं करना प्यार मैं खफा हूं भगवान से भी वो भी बोलेगा तो प्यार नहीं करूंगा बोल दूंगा उसको भी अब मेरा मूड नहीं है -- Viveakrt -- दृष्टिकोण: जब आपके अंदर गहरा प्रेम हो और आपके प्रेमी ने आपको किसी अन्य व्यक्ति के साथ अपनी शादी में आमंत्रित किया है और आप वहां जाते हैं और फिर आप क्या महसूस करते हैं यह इस बात को समझाता है।

टूट कर बिखरा हूँ तो अब खुद को समेट लूंगा

Vivek · टूट कर बिखरा हूँ तो अब खुद को समेट लूंगा टूट कर बिखरा हूँ तो अब खुद को समेट लूंगा,   आँखों की बूंदों में, दर्द को देख लूंगा।   शून्यता की गहराइयों में खुद को खोज लूंगा,   मृत्यु का ये दुख मेरे दिल को छलनी करता है,   पर इस दर्द से उभर कर, एक नया जीवन बुन लूंगा। ग़म के पहाड़ों को तोड़ कर, मंज़िल की राह बनाऊंगा,   सपनों की सड़क फिर से बिछाऊंगा।   न होने से होने और फिर से न होने का ये चक्र,   समझ लिया मैंने, अब इस भ्रम को तोड़ दूंगा। टूटे कांच की किरचों में जीवन का प्रतिबिंब देखूंगा,   हर टुकड़े की नुकीली धार से खुद को जाँचूंगा।   इस चुभन भरे दर्द को अब मैं जी लूंगा,   खून की धाराओं में नये सपनों को बुन लूंगा। प्यार का ये दरिया, कभी बहता, कभी सूखा,   अब इन लहरों के संग मैं भी बह जाऊंगा।   सपनों के महल, जो कभी बनते, कभी टूटते,   इन खंडहरों में अब नई उम्मीदें बसा लूंगा। टूट कर बिखरा हूँ तो अब खुद को समेट लूंगा,   इस अनंत यात्रा में एक नई दिशा प...

यादों को तुम से मिलवाऊंगा

Vivek · यादों को तुम से मिलवाऊंगा मैंने  यादों  को संजोया है। मैंने ख्वाबो को खोया है। कर रहा हूँ मैं अब जो कुछ भी उसका कोई मतलब नहीं, तुम ने जो पा कर खोया है उसकी याद तो है तुम्हारा पास मेरे अतीत में कुछ नहीं संजोने (खोने) को दिल इस बात पर भी रोया है खाली दिल को भरता हूँ शराब से और कुछ काम नहीं मेरे पास खाली दिल को भरता हूँ शराब से ख्वाबो की याद से, सच मान कर, उन ख्वाबो को चाँद पे घर बनाया है आना कभी मेरे घर पे तारो पे घुमI ने ले जाऊंगा यादों को संजोया है मैंने उन यादों को तुम से मिलवाऊंगा --- Viveakrt --- दृष्टिकोण : जब लोग इतने समृद्ध होते हैं, और किसी बात के दर्द पर चर्चा करते हैं इस मामले में विशेष रूप से किसी का प्यार। लेकिन जिस इंसान को जिंदगी में कभी प्यार नहीं मिलता उनके पास प्यार को याद रखने लायक भी कुछ नहीं होता। वे कल्पना भी नहीं कर सकते |  यदि आपके पास कोई साथी है तो आप बता सकते हैं कि उनके चले जाने का दर्द क्या है |  लेकिन अगर आपके पास साथी नहीं है, और न अत्तीत में कोई प्रेमी रहा है तो अंतर मनन के पास  कोई नहीं है कोई याद भी नहीं जिसे सोच कर वह कह...

कामयाबियाँ

Vivek · कामयाबियाँ उनको उनकी कामयाबियाँ  याद नहीं ||  उनको उनकी कामयाबियाँ  याद नहीं ||  हमने अपनी हार के किस्से हर किसी को सुनाये है |  चाहे जीते हो उन्होंने कितने ही मक़ाम जिंदगी के,  इतना खुश नहीं वो जितना हमने हार कर भी धुएं उढ़ाये है ||  पाला है हमने यादो को कुछ इस तरह के,  जैसे चाँद ने अपने दाग सजाये है ||  वो कहते है, उनको उनकी कामयाबियाँ  याद नहीं ||  फिर वो इतना पढ़ के प्रथम क्यों अये है ||  (ख्वाब होते है , किसी का प्यार किसी का यार और मेरे जैसे मुसाफिर का ये संसार )  पैसा तो उन्होंने ने भी कमाया उतना ही    जितना हमने ख्वाबो पे लगाया है ||  वख्त तो उतना ही था उनके पास भी जिंतना हमने बहाया है ||  उन्होंने मेहनत्त कर के गवाया है हमने यारो पे लुटाया है ||   बिताये हमने यारो के साथ जो लम्हे है,  उसे याद कर हम तो अपने कफ़न में भी मुस्कुराये है ||  और उनको उनकी कामयाबियाँ  याद नहीं ||  हमने अपनी हार के भी जशन  मनाये है ||  --- viveakrt ---     और  ...

तेरी याद में

Vivek · तेरी याद में तेरी याद में हमने कलम उठा ली || तुझे कहना मुश्किल था, हमने होंठों से बातें चुरा लीं || दिल का दर्द, ये सदियों की तन्हाई, सब कहना चाहते हैं || मेरे कदम तुझे देख रुकना चाहते हैं || पर मेरी नजरें डरती हैं, छुप जाती हैं पलकों में || तुझे ना पता चल जाए, तुझे देख नजरें भी नजरे चुराती हैं || मेरे दिल का समंदर भरा पड़ा है तेरी यादों से || मैं भी उसमें प्यार की कस्ती चलाता हूँ || ढूंढता हूँ मैं किनारा तेरे आँचल का || और तू मुझे चांद तारों में दिखती है || मैं तुझे ढूंढता हूँ दुनिया में, और तू मुझे सपनों में मिलती है ||!! --- viveakrt ---

काश मैं परिंदा होता

Vivek · काश मैं परिंदा होता मैं हूँ इंसान या मैंने कह दिया है, खुद को इंसान | मैं हूँ इंसान या मैंने मान लिया है खुद को इंसान। मैं हूँ परेशान सच में, या मैंने खुद को कह दिया है कि मैं हूँ परेशान। मेरी सोच ने मुझको क्या दिया है, इस भीड़ भरी दुनिया में तन्हा कर दिया है | हर दिन जंग है, हर जगह खतरा है | उसके दिल में भी  इश्क़ का कारोबार है | बहुत भीड़ है उसके दिल में, मुझे उस भीड़ से बचा लो | नहीं रहना इंसान मुझे, मुझे परिंदा बना दो | मर गया हूँ मैं जीते जी ही, मेरी लाश जिंदा है | मेरे पास होते, तो मेरी लाश को चलते देखा होता | काश मैं परिंदा होता, तो शायद मैं सच में जिंदा होता | -- Viveakrt -- This is a powerful and introspective poem that delves deep into the existential struggles of identity, love, and the burden of human emotions. The desire to escape from the complexity of human life and become something free, like a bird, is beautifully expressed. The recurring theme of feeling lost and wanting to shed the constraints of being human adds a raw emotional depth.

चाँद अकेला है

Vivek · चाँद अकेला है  मेरे पास सब है || तुम्हारे पास कुछ नहीं है || मेरे कई हसीं किस्से हैं || तुम्हारे पास कुछ नहीं है || प्यार किया मैंने || निभाया मैंने || कमाया मैंने सब है || नरम सा दिल है, शर्म भी कहां है || मेरा दिल बेचारा नहीं, ग़म का मारा नहीं || खुशियों से भरी मेरी कहानी है || मेरे घर में चाँदनी || और मेरे अंगन में मेला है || लाखों हैं सितारे आसमां में || पर रात में चाँद अकेला है || --- viveakrt ---